
चमन चंडालिया
हे ! पवनपुत्र हनुमान ,
तुम ही हो हमारी शान ,
सब देते तुम्हे इतना मान
तुम हो सालासर बालाजी ,
भक्तों के प्यारे ,माँ अंजनी के लालाजी
तुम कहते जय श्री राम ,
मेहंदीपुर में है तुम्हारा धाम
तुम हो रामजी के सबसे बड़े भक्त ,
भक्तों के लिए नही हो सख्त
तुम हो शिवजी के अवतार ,
हाथ में गदा ,कंधों पर राम-लक्ष्मण का भार
तुम गए सीता को बचाने लंका ,
आग लगाकर बजादिया रावण का डंका
तुम ही हो सबसे महान ,
जय श्री राम ,जय हनुमान